My name is Anil, I don't remember whoever named me. There are many names similar to mine of my age and even before me. However, my name must have been taken from Anil Kumble because my birthplace is my maternal home, which is natural because in our society when a child is born, it is either in maternal home or in hospital.
My name must have been given by my maternal uncle because he is very fond of cricket and Anil Kapoor was a strong actor of cinema at that time, so this also makes a rhyme. I have put so much emphasis on the name because it will tell my life autobiography like when someone gives me respect in my life, or when I abuse, love or hate, it will be shown in this context. Overall, with the evolution of each person, man has given his own name, although it must have been kept for identification from the beginning.
- Well, I went in the wrong direction again. It is said that my date of birth is 10/4/2000. Although this is a memory of the Gregorian calendar because that is what is used nowadays 😁.
I want to write my entire life in this book, so where should I start from so that not a single introduction is left out. It is said that bad things easily stay in the mind and do not go away for the whole life.
Well, I do not remember many things, who knows if this is true or wrong.
However, I do not remember many things from my childhood. Now whether it is true or not, well, the thing is that it can be a different argument to see or have happened.
मेरा नाम अनिल है , कि जिसने भी नाम रखा हैं मुझे याद नहीं , मुझसे मिलते जुलते नाम काफ़ी मिल जाते मेरी उम्र और मुझसे पहले भी का हालांकि मेरा नाम अनिल कुम्बले से लिया होगा क्योंकि मेरे जन्म का स्थान मेरा ननिहाल है , जो कि स्वाभाविक होगा हि , क्योंकि हमारे समाज में जब बच्चे का जन्म होता है तो ननिहाल में होता है या हॉस्पिटल में ।
मेरा नाम मेरे मामा ने रखा होगा क्योंकि उन्हें क्रिकेट का बहुत शौक है , और सिनेमा भी उम समय के दमदार एक्टर थे अनिल कपूर तो ये भी एक तुक बनता है । नाम पर मैंने इसलिए इतना जोर दिया क्योंकि इसी से मेरा जीवन आत्मकहानी को बयान करेगा जैसे मेरे जीवन मुझे कोई सम्मान देता है ,या गाली प्रेम अथवा घृणा करते वक्त वह इसी सम्बध में दर्शित होगा, कुल मिलाकर प्रत्येक व्यक्ति के evolution के साथ मनुष्य ने अपनी की उसका नाम दिया गया है , हालांकि शुरू से पहचान के लिए रखा होगा ।
- खैर मैं फिर से गलत दिशा में चला गया कहते है मेरी जन्म दिनांक 10/4/2000 है . हालांकि ये ग्रेगेरियन कैलेण्डर की ही याद है क्योंकि यही चलता है आज कल 😁।
में अपने जीवन को पूर्णतया इस पुस्तक में लिखना चाहता हूँ इसलिए कहा से शुरू करु ताकि एक भूमिका न बच सके । कहते हैं बुरी चीज़े आसानी से मस्तिक में रह जाती है जीवन भर नहीं जाती
खैर मुझे बहुत सी बाते याद भी नहीं क्या पता यह सही है, या गलत कौन जाने
हालांकि मुझे मेरे बचपन की बहुत सी चीजे याद नहीं है । अब तो ऐसा भी या नहीं खैरे मे बात तो
ता है कि ये से देखा कभी हुआ भी एक अलग तर्क
जा सकती है
0 टिप्पणियाँ