Ticker

6/recent/ticker-posts

Bachpan part1

 Bachpan ki kuch yaade #nofilter

हालांकि ये चीज लिखने में बड़ी दिक्खत होती है क्योंकि जब आप पेशेवर लेखक न हो फिर भी, में अपनी जीवनी लिखूंगा देखते हैं, कैसे में लिख पाता हूँ

Anil Bishnoi

-  बचपन  की पहली  याद  मेरे  में अपने दादा का घर है जहाँ में अपनी मम्मी के पीछे छिपा खडा हूँ क्योंकि में उनसे बहुत डरता था 

उसके बाद मुझे याद है कि एक गाय ने मुझे लात मारी थी  😁और में पीछे उछाल गया था उसके बाद में एक और घटना है जो मुझे याद है जो है , साइकिल के अगले पहियों में पैर आना और मेरी ऐड़ी पर खतरनाक चोट लग जाना जो अभी तक निशान बना हुआ है

उसके बाद में ननिहाल जाने को बहुत शौक था और प्रेम भी।

जब में 3 साल का था तो अपने नाना के साथ ननिहाल चला गया - मेरे नाना से मुझे बहुत प्रेम था वे बेहद होशियार और ताकतवर इंसान थे मैं ये मानता हूँ उनके 10% गुण अगर मुझसे आ जाने तो में पूरा जीवन आनंद और सम्मान से जी सकूंगा लेकिन मेरी ननिहाल को सबसे पहले की छवि है मेरे मामा के साथ वो क्रिकेट खेल रहे थे और मुझे देखते ही दौड़ कर मुझे उठा लिया वो काफी स्पेशल याद है जो अभी तक मेरे मस्तिष्क में है।


Although it is very difficult to write this thing because even if you are not a professional writer, I will write my biography, let's see how I am able to write it.


- My first childhood memory is of my grandfather's house where I was standing hidden behind my mother because I was very scared of her.


After that I remember a cow kicking me 😁 and I was thrown back. After that there is another incident which I remember, my foot got caught in the front wheel of the bicycle and I got a dangerous injury on my heel, which still has a scar.

After that I was very fond of going to my maternal grandparents' house and also loved it.

When I was 3 years old, I went to my maternal grandparents' house with my maternal grandfather. I loved my maternal grandfather very much. He was a very intelligent and strong man. I believe that if I could acquire even 10% of his qualities, I would be able to live my entire life with joy and respect. But my first image of my maternal grandparents' house is that he was playing cricket with my maternal uncle and as soon as he saw me, he ran and picked me up. That is a very special memory which is still in my mind.



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ